SUKHANWAR
Sunday 6 December 2015
वोह पेड़ जिनकी छाओं में ठहरा दिया हमें,
शाखों पे उनकी एक भी पत्ता हरा नहीं
सुख़नवर, नवम्बर - दिसंबर २०१५
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